ro हुज़ूर ﷺ के वफ़ात का वक़्त: हज़रत:- उमर फारूक र.अ.:– वफ़ात की ख़बर सुन केर इनके होश जाते रहे और वो खरे हो केर कहने लगे “कुछ मुनाफ़ेक़ीन समझते हैं रसूलुल्लाह सल्लाहो अलिहे वसल्लम की वफ़ात हो गई लेकिन हकीकत ये है के रसूलुल्लाह ﷺ की वफ़ात नहीं हुई, बलके आप अपने रब के पास तशरीफ ले गये हैं। जिस तरह मूसा बिन इमरान अली सलाम तशरीफ़ ले गए थे और अपनी क़ौम से ४० रात गायब रह केर उनके पास फिर वापसी आ गए थे, हलाके वापसी से पहले कहा जार आहा था के वो इंतकाल कर गए हैं।” खुदा की कसम रसूलुल्लाह भी पलट कर आएंगे और उन लोगों के हाथ पाओ काट डालेंगे जो समझते हैं कि आप सल्लाहो अलिहे व सल्लम की मौत हो चुकी है। हज़रत अबू बक्र र.अ. :- मेरे मां बाप आप पर कुर्बान, अल्लाह आप पर २ मौत जमा नहीं करेगा, जो मौत आप पर लिख दी गई है वह आप को आचुकी। हमारे बाद अबू बक्र बहार तशरीफ़ लाए हमें वक़्त भी हज़रत उमर र.अ. लोगो से बात केर रहे थे, हज़रत अबू बक्र ने उन से कहा उमर बैठ जाओ, हज़रत उमर र.अ. ने बैठने से इंकार कर दिया। सहाबा हज़रत उमर को चोर केर हज़रत अबू बक्र की तरफ मुतवज्जा हो गए। हज़रत अबू बक्र ने फ़रमाया। अम्मा बाद